अधिकांश लोग अपने खाने में सब से ज्यादा मांस पसंद करते हैं, और यदि मांस का सेवन सामूहिक रूप में हो तो उसका स्वाद कुछ ज्यादा ही होता है, लेकिन यही मांस यदि बासी हो या उसमें सड़ांध पैदा हो चुका हो, या अवैध पशु का हो तो इनसानी स्वभाव में उससे अजीब तरह की नफरत पैदा हो जाती है। अब आप विचार कीजिए कि यदि यह मांस किसी इनसान का हो और… इनसान भी अपना सगा भाई हो तो क्या किसी इनसान का स्वभाव उसे सेवन करने पर संतुष्ट होगा…? लेकिन खेद की बात यह है कि हमारे समाज में कितने ऐसे दुर्भागी हैं जो अपने सगे भाई के शरीर को नोच नोच कर बड़े आनंद से उसका मांस खाते हैं और उनको अपनी गलती पर जरा बराबर शर्मिंदगी नहीं होती। यह समाचार BBC लंदन का नहीं, न टाइम्स ऑफ इंडिया का है बल्कि हमारे पास ऐसे स्रोत से पहुंचा है जिस पर हमारा सौ प्रतिशत विश्वास है।