आज विश्व जल दिवस है। इस दिन जल के संरक्षण पर वार्ताएं होती हैं, मानव जीवन में जल के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है। यह मानवता के जीवन सामग्रियों में से एक बहुमूल्य सामग्री है जिसका अनुभव छोटा बड़ा हर एक करता है। इससे कोई भी चीज़ निर्लोभ नहीं हो सकती चाहे मनुष्य हों अथवा पेड़ पौधे, खाने की चीज़ बनानी हो अथवा परीशुद्धता प्राप्त करनी, दवाओं की तैयारी हो या कारीगरी तथा खेतीबारी का काम, पानी बिना असम्भव हैं।
जल हर देश का मूल अर्थ और उसके विकास का आधार होता है, उसकी उपलब्धि से मानवता प्रगति करती है जबकि उसके कम होने से विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आज प्रतिदिन पानी का महत्व बढ़ता ही जा रहा है तथा हर ओर जल की सुरक्षाओं तथा उसकी बचत के लिए वार्ताएं हो रही हैं।
यह सारे तथ्य अपनी जगह पर कितने लोग हैं किनके मस्तिष्क में यह बात बैठी हो कि यह एक महान ईश्वरीय उपकार भी है। कितने लोगों ने विश्व जल दिवस के अवसर पर सोचा है कि इसे हम तकसरलता पूर्वक पहुंचाने वाला कोई है?
जल एक ईश्वरीय उपकार