मृत्यु के समय एक इनसान की स्थिति

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हर मानव जीवन के तीन महत्पूर्ण दर्जे से गुज़रेगा। पहला दर्जाः लौकिक जीवन, अर्थात, संसारिक जीवन जिस में हम लोग सांस ले रहे हैं, खा पी रहे हैं, अल्लाह की उपासना कर रहे हैं, और हम समाजिक जीवन बीता रहो हैं, निःसंदेह यह संसार एक परिक्षास्थल है। इस में जो कर्म हम करेंगे, चाहे वह अच्छा हो या बुरा , उसी के अनुसार हमें आगे के दोनों जीवन में बद्ला प्राप्त होगा, यदि हमने अपनी जीवन को अच्छे कार्यों में लगाए, लोगों के भलाइ के काम किये, लोगों को उनका अधिकार दिये,अल्लाह की उपासना और पूजा सही तरीके से किये तो हमें अच्छा परिणाम मिलेगा। यदि हमने अपनी जीवन को गलत कामों में लगाए। दुसरे लोगों के साथ अत्याचार किया और एक ईश्वर को छोड़कर अनगिनित भगवानो के सामने अपना माथा झुकाया तो ईश्वर हमें डंडित करेगा। अल्लाह हमारे अपराधों के बराबर हमें बदला देगा।

दूसरा दर्जाःमृत्यु के पश्चात का जीवन, अर्थात: बर्ज़खी जीवन और तीसरा दर्जाः परलौकिक जीवन, अर्थः मृत्यु के बाद फिर मानव जीवित होगा और अल्लाह हर इन्सान से उसके कर्मों के बारे में प्रश्न करेगा, इसके बाद जन्नत (स्वर्ग) या जह़न्नम( नर्क) में डालेगा, यही तीसरी जीवन ही वास्तविक जीवन और हमेशा रहने वाली जीवन है।

मृत्यु एक खुली वास्तविक्ता है,हर जीवधारी को एक दिन यह संसार छोड़ कर जाना है, इस लिए यदि वह परलौकिक जीवन में प्रसन्न रहना चाहता है, परलौकिक जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है। जन्नत (स्वर्ग) में प्रवेश होना चाहता है, तो वह इस धर्ती पर अच्छा काम करे, लोगों के साथ उत्तम व्यहवार करे, लोगों को उस का अधिकार दे, लोगों के लिए वही चीज़ पसन्द करे जो अपने लिए पसन्द करता है। पुण्य के कार्यों में आगे आगे रहे, जो धन-दौलत अल्लाह ने उसे प्रदान किया है, उस में से कुच्छ ग़रीबों, मिस्कीनों और ज़रूरतमन्द व्यक्तियों को अल्लाह को खूश करने के लिए दान करे, अल्लाह की इबादत अच्छे ढ़ंग से करें। अल्लाह की इबादत में किसी को उसका भागी न बनाए। अल्लाह से अपने पापों, अत्याचारों की क्षमा मांगे, क्यों कि अल्लाह तआला ने खुले शब्दों में मानव को चेतावनी दे दी है कि जो अच्छा काम करना है, इसी दुनिया में करलो, मृत्यु के बाद दोबारा तुम्हे मुहलत मिलने वाली नहीं है, अल्लाह तआला का फरमान हैः

يا أيها الذين آمنوا لا تلهكم أموالكم ولا أولادكم عن ذكر الله ومن يفعل ذلك فأولئك هم الخاسرون – وأنفقوا من ما رزقناكم من قبل أن ياتي أحدكم الموت فيقول رب لولا أخرتني إلى أجل قريب فأصدق وأكن من الصادقين- ولن يؤخر الله نفسا إذا جاء أجلها والله خبير بما تعلمون ”- ( المنافقون: 9-11

आयत का अर्थः ” ऐ लोगों जो ईमान लाए हो, तुम्हारी सम्पत्ती और तुम्हारी संतान तुम को अल्लाह की याद से ग़ाफिल न कर दे और जो ऐसा करेंगें, वह घाटे में रहने वाले लोंग होंगे, जो जीविका हम्ने तुमको दी है उस में से खर्च करो, इस से पहले कि तुम में से किसी के मौत का समय आजाऐ, और उस समय वह कहे कि ऐ मेरे रब, क्यों न तूने मुझे थोड़ी सी मुह्लत और दे दी, कि मैं दान देता और अच्छे लोगों में शामिल हो जाता, हालांकि जब किसी के कर्म करने की मुह्लत के समाप्त होने का समय आजाता है, तो अल्लाह तआला किसी व्यक्ती को हरगिज़ और ज़्यादा मुह्लत नहीं देता है और जो कुच्छ तुम करते हो अल्लाह को उसकी खबर है।” (सूरः अल-मुनाफ़ेक़ीनः 11)

जो व्यक्ती भी इस धर्ती पर जन्म लिया है, उसे मरना है, उस का देहांत निश्चित है परन्तु जो व्यक्ती भी इस दुनिया में अच्छा काम करता है, लोगों को साथ उत्तम व्यहवार करता है,लोगों की सहायता करता है, अल्लाह पर विश्वास करते हूऐ उसकी सही तरीक़े से उपासना करता है, उसका जीवन केवल एक अल्लाह की इबादत में खत्म होता है तो ऐसे लोगों के देहांत के समय अल्लाह का खास कृपा इन पर होता है, अल्लाह की सहायता हर स्थान पर ऐसे व्यक्ति की प्रतिक्षा करती है। प्रिय नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने एक मोमिन के मृत्यु के समय का नक़शा बहुत ही सुन्दर ढ़ंग से बयान फरमाया है।

प्रिय नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथी बरा बिन आज़िब (रज़ियल्लाहु अन्हु) (अल्लाह इन्से परसन्न हो) कहते है कि हम लोग एक ज़नाज़े के कृयाकर्म के लिए बकीउल्गर्कद (क़ब्रिस्तान) में प्रस्तुत थे कि प्रिय नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) तशरीफ लाए और वहाँ बैठ गए, हम लोग भी उन के आस पास बैठ गए, फिर आप ने अल्लाह से तीन बार प्रर्थना किया ” ऐ अल्लाह, क़ब्र की यातनाओं से तेरी पनाह चाहता हूँ ” और फिर फरमायाः ” जब एक मोमिन दास का अन्तिम समय होता है, वह दुनिया छोड़ रहा होता है, आखिरत की ओर उस के क़दम बढ़ने वाले होते है तो उस समय उस के पास आकाश से फरिश्ते उतरते हैं, उन फरिश्तों के चेहरे रोश्नी से चमक रहे होते हैं, उन के साथ जन्नत के कपड़े एंव जन्नत की खूश्बू होती है। उस व्यक्ति के निकट फरिश्ते दूर तक बैठ जाते हैं फिर प्राण निकालने वाले फरिशते आते हैं और उस के सर के पास बैठ जाते हैं, और कहते हैं, ऐ अच्छी जान , अल्लाह की क्षमा तथा परसननता की ओर निकलो, तो इतनी सहलता से जान निकलती है जैसे ऊंचे स्थान पर रखे हुए बरतन से पानी गिरता है। तो फरिश्ते उसे ले लेते हैं और पलक झपकते ही उसे जन्नत के कफन और खूश्बू में रख देते हैं। जिस से धर्ती पर पाऐ जाने वाले सम्पूर्ण खूश्बू से अधिकतम अच्छी खूश्बू निकलती है फिर फरिश्ते उसे लेकर आकाश की ओर जाते हैं। जिस जिस स्थान से उसे ले कर उसे गुज़रते हैं, उस के पास से गुज़रने वाले फरिश्ते कहते है कि यह कितनी अच्छी रूह है, यह कितना अच्छा खुश्किस्मत व्यक्ति है, तो फरिश्ते जवाब देते हैं। यह फलाँ का बेटा फलाँ है। उस के अच्छे नामों से उस का परिचय करवाते हैं और उसे संसारिक आकाश पर ले जाते है। उस के लिए आकाश के द्वार खुलवाया जाता है, तो उस के लिए आकाश के द्वार खोला जाता है, फरिश्ते उस के प्राण को ले कर सातवे आकाश के नीचे पहूंचते हैं जिस के ऊपर अल्लाह तआला हैं, तो अल्लाह तआला फरमाता हैः

” मेरे इस बन्दे का नाम इल्लीन में रहने वालों पवित्र प्राणों की सूची में लिख दो, और इसे धर्ती में वापस ले जाओ, मैं ने इसी से उसे रचना किया है और इसी में उसे वापस करूंगा और फिर इसी से उसे दोबारा निकालोंगा ”

तो उसकी जान को उस के शरीर में लौटा दी जाती है। जब लोग शौव को धर्ती में गाड़ कर आनेलगते हैं और चालिस कदम दूर आजाते हैं तो दो फरिशेते उस के पास आते हैं और उसे बैठाते हैं और उस से प्रश्न करते है। ” तुमहारा रब कौन है ? तो वह उत्तर दोगा, मेरा रब अल्लाह है। दुसरा प्रश्न करेगा कि, तुम्हारा धर्म किया है ? तो वह उत्तर दोगा, मेरा धर्म इस्लाम है। तीसरा प्रश्न करेगा कि , तुम्हारे बीच जो आदमी भेजा गया था उसके बारे तुम किया कहते हो ? तो वह उत्तर देगा , वह अल्लाह के नबी और संदेष्ठ हैं। फिर वह प्रश्न करेगा , तुम्हारा इल्म किया कहता है ? तो वह उत्तर देगा , मैं ने अल्लाह की किताब पढ़ा और उस पर ईमान लाया और उस को सच जाना, तो आकाश से आवाज़ आती है कि मेरे बन्दे ने सच कहा है, उस के लिए जन्नत का बिस्तर बिछा दो , और उस के लिए जन्नत के दरवाज़े खोल दो , जिस दरवाज़े से जन्नत कि ठंडी हवा आएगी और उस के कब्र को बड़ा कर दिया जाता है।  इसके बाद उस के पास एक सुन्दर शक्ल , साफ सुथरा पोशाक वाला और अच्छी खुश्बू वाला आदमी आता है, और कहता है कि खुश हो जाओ , तुम्हारा यह वही दिन है जिसका तुम से दुनिया में वादा किया जाता था , तो वह प्रश्न करेगा,  तुम कौन हो ?, तुम तो अच्छी खबर लेकर आए हो, तो वह जवाब देगा, मैं तुम्हारा नेक कर्म हूँ , मैं तुम्हारा अच्छा आचार हूँ , तो वह कहेगा . ऐ रब ! तू कियामत प्रकट कर दे ताकि मैं अपने घर वालो की ओर जाऊँ और उन्हें अपने बारे में शुभ खबर दे दूं , परन्तु इस के विपरित जब एक अल्लाह को न मानने वालों के मौत का समय अता है , जब वह दुनिया छोड़ कर आखिरत की ओर कदम बढ़ाने वाला होता है, तो उस के पास काले कलौटे और डरावनी शक्ल वाले फरिश्ते आते हैं। गन्दे और मोटे एंव बेकार किस्म के क़फ़न के कपड़े साथ लाते हैं, और उस के पास दूर तक बैठ जाते हैं, फिर मौत के फरिश्ते आते हैं, और उस के सर के पास बैठ जाते हैं, और फटकारते हुए कहते है, ऐ बदबख्त प्राण ! तु अल्लाह की अप्रसननता और धुत्कार की ओर निकल, तो उसका प्राण, शरीर में भागने लगता है, फरिश्ते के डर से छिपने लगता है, मगर फरिश्ते उस के प्राण को पकड़ कर खीचता है, जैसे कि भीगे हुए ऊन से तान्त निकाला जाता है और उसे मारा और पीटा जाता है। अल्लाह तआला ने पवित्र कुरआन में फरमाय हैः

“و لو ترى إذ يتوفى الذين كفروا الملائكة يضربون وجوههم وأدبارهم وذوقوا عذاب الحريق – ذلك بما قدمت أيديكم وأن الله ليس بظلام للعبيد -” الأنفال  (9-10)

” आप का क्या ख़्याल है, जब कि फरिश्ते अधर्मियों की आतमाओं को ग्रस्त कर कहे थे , वह उन के चेह्रे और उन के कुल्हों पर चोट लगा रहे थे और कहते जाते थे , लो ! अब जल्ने की सजा भोग्तो, यह वह बदला है जिस का सामान तुम्हारे अपने हाथों ने पहले ही जुटा रखा था वर्ना अल्लाह तो अपने बन्दों पर अत्याचार करने वाला नही हैं।” (सूरः अन्फालः 10
फिर उन की आत्माओं को पकड़ कर उस तक्लिफ दायक झोले में डाल देंगे और उस झोले से धर्ती पर पायेजाने वाली सम्पूर्ण बदबू से अधिक बदबू निकलेगी, उसे लेकर फरिश्ते आकाश की ओर जाते हैं, जहाँ जहाँ से फरिश्ते उसे लेकर गुज़रते हैं तो वहाँ वहाँ से गुज़रने वाले फरिश्ते कहते हैं, यह कौन बदबख्त प्राण है ?, यह कौन बुरी आत्मा है ?, तो फरिश्ते जवाब देंगे, यह फलाँ का बेटा फलाँ व्यक्ति है, दुनिया के बुरे नामों से उस का परिचय करवाऐंगे, फिर जब उसे लेकर फरिश्ते संसारिक आकाश तक पहुंचेंगे, और उस के लिए आकाश का द्वार खोलने के लिए कहा जाऐगा, परन्तु उस के लिए आकाश का द्वार न खोला जाऐगा, इसी को अल्लाह तआला ने खुले शब्दों में चौदा सौ साल पहले ही चेतावनी दे दी है,

” لا تفتح لهم أبواب السماء ولايدخلون الجنة حتى يلج الجمل في سم الخياط  – الأعراف:40

उन के लिए आकाश के दरवाज़े हरगिज़ न खोले जाऐंगे और उन का जन्नत में प्रवेश करना वैसे ही असंभव है जैसा कि सूई के सूराख से ऊंट का पार होना है,(सूरः अल-आराफ़ः 40

 और अल्लाह कहेगा, इस का नाम धर्ती के निचले भाग में रहने वालों की सूची में लिख दो, और उस के प्राण को आकाश से फेंक दो, फिर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने क़ुरआन की यह आयत पढ़ीः

” و من يشرك بالله فكأنما خر من السماء فتخطفه الطير أو تهوي به الريح في مكان سحيق –  ( الحج: 31

” और जो कोई अल्लाह के साथ साझीदार टहराऐगा तो समझो वह आकाश से गिर गया या तो उसे पक्षी उचक लेजाऐगी या हवा उस को एसे स्थान पर ले जाकर पटक फेंक देगी जहाँ उस के चित्ढ़े उड़ जाऐंगे ” । (सूरः अल-हज्जः 31)
फिर उस के प्राण को उस के शरीर में लौटा दीया जाता है। जब लोग शव को धर्ती में गाड़ कर, आने लगते हैं और चालिस कदम दूर आजाते हैं तो दो फरिशेते उस के पास आते हैं और उसे बैठाते हैं और उस से प्रश्न करते है। ” तुमहारा रब कौन है ? तो वह उत्तर दोगा, हाऐ, अफसोस, मुझे ज्ञान नहीं है। दुसरा प्रश्न करेंगे कि, तुम्हारा धर्म किया है ? तो वह उत्तर दोगा, हाऐ, अफसोस, मुझे मालूम नहीं है, तीसरा प्रश्न करेगा कि , तुम्हारे बीच जो आदमी भेजा गया था उसके बारे तुम किया कहते हो ? तो वह उत्तर देगा , हाऐ, अफसोस, मुझे ज्ञान नहीं है। फिर वह प्रश्न करेगा , तुम्हारा इल्म किया कहता है ? तो वह उत्तर देगा , हाऐ, अफसोस, मुझे मालूम नहीं है , तो आकाश से आवाज़ आती है कि मेरा बन्दा झूट कहता है। उस के लिए जहन्नम के बिस्तर बिछा दो, और उस के लिए जहन्नम के दरवाज़े खोल दो , जिस से जहन्नम की गर्म हवा और बदबूदार हवा आएगी और उस के बाद उस के कब्र को तंग कर दिया जाता है, यहाँ तक कि उसकी पिसली की हड्डी कड़कड़ाने लगती है और उस के पास काले कलौटे और डराव्नी शक्ल वाले, गन्दे कपड़े वाला और बुरी बदबू वाला आदमी आता है, और कहता है कि मैं तुम्हें बुरी समाचार देता हूँ , तुम्हारा यह वही दिन है जिसका तुम से दुनिया में वादा किया जाता था तो वह प्रश्न करेगा , तुम कौन हो ? तो वह जवाब देगा , मैं तुम्हारा बुरा कर्म हूँ, मैं तुम्हारा पाप हूँ , तो वह कहेगा, ऐ रब ! कियामत प्रकट न कर , फिर उस के सर पर लोहे के हथौड़े से पीटा जाऐगा, वह चौट के कारण चीखेगा, जिसे मानव के अलावा सब वस्तु सुनेंगे।

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