hin.newmuslim.net
चार कलिमात का महत्व
“सुब्हानल्लाह, वल-हम्दुलिल्लाह, व ला इलाह इल्लल्लाहु वल्लाहु अक्बर” 1- यह चार कलिमात अल्लाह की नज़र में सब से प्यारे हैं। (सही मुस्लिमः 2137) 2- अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नज़र में दुनिया और उसकी सारी चीज़ों से बिहतर हैं। (सही मुस्लिमः 2695) 3- 100 बार सुब्हानल्लाह कहना 100 ग़ुलाम आज़ाद करने के […]
safat