कुरआन क्या है ?
क़ुरआन ईश-वाणी अर्थात अल्लाह की वाणी है ( वह अल्लाह जो एक है, जिसको किसी की आवश्यकता नहीं पड़ ...
क़ुरआन ईश-वाणी अर्थात अल्लाह की वाणी है ( वह अल्लाह जो एक है, जिसको किसी की आवश्यकता नहीं पड़ ...
ईमान का दुसरा स्तम्भ अल्लाह के फरिश्तों पर विश्वास तथा ईमान है। अल्लाह के फरिश्तों पर विश्वास ...
नमाज़ पढ़ने से पहले वुज़ू करना अनिवार्य है। जो व्यक्ति पवित्र होने के बावजूद वुज़ू से न हो वह न ...
ईमान का पहला स्तम्भः अल्लाह पर विश्वास तथा ईमान लाना है। अल्लाह पर ईमान लाने का अर्थः अल्लाह ...
इस्लाम अपने सर्व आज्ञा तथा व्यवहार में अन्य सम्पूर्ण धर्मों से बिल्कुल अलग और उत्तम है। इसी तरह ...
इस्लाम की सुरक्षा के लिए हर युग में कुफ्र और शिर्क के वातावरण में परवरिश पाने वाले नव मुस्लिम प ...
हज्ज वह महत्वपूर्ण इबादत है जो इस्लाम का पांचवाँ स्तम्भ है, जिस के बिना किसी मानव का इस्लाम पूर ...
इस्लाम ने अच्छे आचरण और स्वभाव वाले व्यक्तियों को उच्च स्थान पर स्थापित किया है। उत्तम व्यवहार ...
“आप इतिहास के एक मात्र व्यक्ति हैं जो अन्तिम सीमा तक सफल रहे धार्मीक स्तर पर भी और सांसारिक स्त ...
एक सज्जन ने बड़े ज़ोरदार तरीक़े से टिप्पणी की है कि क़ुरआन में गौहत्या से रोका गया है, मैं उसकी ...
अल्लाह कौन? हमारे मन में यह प्रश्न बार बार उभरता है कि अल्लाह कौन है ? वह कैसा है ? उस के गुण ...
नमाज़ पढ़ने से प्रथम छोटी और बड़ी पाकी (पवित्रता ) प्राप्त करना अनिवार्य है। जो व्यक्ति नापाक ( ...
लेखकः मुहम्मद शाहनवाज इस्लामिक जीवन में अच्छे आचार तथा व्यवहार बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसी कारण ...
जब किसी व्यक्ति के लिए पानी का प्रयोग कष्ठकारण हो या पानी उपलब्ध न हो तो उस समय अल्लाह तआला ने ...
गैर मुस्लिमों के त्यौहारों और धार्मिक उत्सव में भाग लेना अवैध है। या उन की उस कार्य में सहायाता ...
हम मुसलमानों की आस्था है कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सारी मानवता में सबसे बेहतर हैं। उन ...
मनुष्य स्वाभाविक रूप में समाजी होता है, जब वह दुनिया में आंखें खोलता है तो वह अपने सामने अपने प ...
फुजूल-खर्ची से हम कैसे बचें इस विषय पर बात करने से पहले फुजूल-खर्ची के कारणों का चर्चा करना उचि ...
इस्लाम जीवन के हर क्षेत्र में मध्यम और संतुलन की शिक्षा देता है, किसी चीज़ के उपयोग में एक ओर क ...
जैसा कि हम देख रहे हैं कि मुल्क के हालात दिन-ब-दिन ख़राब होते जा रहे हैं. ऐसे में मुसलमानों, ख़ास ...