नमाज़ का तरीक़ा

फर्ज और सुन्नतअल्लाह के रसूल सल्ल. ने फरमाया कि वैसे ही नमाज़ पढ़ो जैसे तुमने मुझे पढ़ते हुए देखा है। (बुखारी, मुस्लिम) अल्लाह के रसूल सल्ल. ने स्वयं अपने सहाबा को नमाज़ का तरीक़ा सीखाया फिर सहाबा ने अपने बाद के लोगों तक इसे पहुंचाया। आज प्यारे नबी सल्ल0 की नमाज़ का तरीक़ा हदीस की कीताबों में स्पष्ट और प्रमाणित रूप में सुरक्षित है। आइए हम जानते हैं प्यारे नबी मुहम्मद (सल्ल.) की प्यारी नमाज़ का तरीका जो सही हदीसों से प्रमाणित है:

अगर आप जमाअत से नमाज़ पढ़ रहे हैं तो नमाज़ शुरू करने से पहले अपनी सफों को अच्छी तरह ठीक और सीधी कर लें, पैर से पैर मिला लें, शैतान के लिए बीच में जगह न छोड़ें,  फिर क़िबला की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं, दिल में नमाज़ की नियत कर लें कि कौन सी नमाज़ पढ़नी है, ज्ञात होना चाहिए कि नियत दिल के संकल्प का नाम है।  

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