अपने दोष को कैसे पहचानें ?
कल रात मेरे एक मित्र डाक्टर जिनसे मेरी गहरी मित्रता है बल्कि वह मेरे लिए सगे भाई के समान हैं ने समाचार जानने हेतु काल किया, समाचार जानने के बाद उन्हों ने मुझ से पूछा कि आप हमारे अंदर पाए जाने वाले दोष की निशानदेही कीजिए, मैंने उनसे कुछ बातें कीं, फिर अनुमति चाही परन्तु उनका यह प्रश्न मुझे बहुत अच्छा लगा। हम अपने दोष को कैसे पहचानें? अपनी कमियों की परख कैसे करें? वे कौन से ऐसे मानदंड हैं जिनके प्रकाश में हम अपने दोष को जान सकते हैं, अपने मित्र डाक्टर से इंधन पाते हुए हम इस संबंध में कुछ दिशानिर्देश प्रस्तुत कर रहे हैं:
पहला तरीकाः
पहला तरीका यह है कि हम अल्लाह वालों के हालात का अध्ययन करें और उन से अपने आप की तुलना करें, फिर अच्छे व्यवहार तथा नैतिक गुणों से पूर्ण लोग जिनसे आप का मामला पेश आता है उनके चरित्र पर भी विचार करें, स्वतः आपके दोष ज़ाहिर हो जाएंगे।
दूसरा तरीक़ाः
दूसरों से अनुरोध करें कि वे आपके दोष बताएँ:
अपने किसी नेक और गहरे दोस्त से आग्रह करें कि वे आपके अंदर पाए जाने वाले दोष की पहचान करके आपकी सही दिशा में मार्गदर्शन करे।
सच्चाई यह है कि कितने ऐसे नकारात्मक व्यवहार एक इंसान के अंदर पाए जाते हैं जिनका उसे एहसास तक नहीं होता जब कि यही कमियां उसके दोस्त की निगाह में स्पष्ट होती हैं, याद रखें कि ईमानदार दोस्त वही है जो आपकी कमियाँ आप से बता दे और ऐसे लोगों से दूर रहें जो हाँ में हाँ मिलाते हों और आपके दोष को छुपाते हों।
उमर फारूक रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाया करते थेः
رحم الله من أهدى إليّ عيوبي
अल्लाह की दया हो उस व्यक्ति पर जो हमारे दोष का मुझे उपहार दे।
एक बार आपने हज़रत सलमान फारसी रज़ियल्लाहु अन्हु से पूछा: क्या हमारे बारे में आपको कोई ऐसी बात पहुंची है जिसे आप नापसंद करते हों? तो सलमान फारसी रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहा: हमें पता चला है कि आपने एक मेज़ पर दो प्रकार का सालन इस्तेमाल किया है।
उसी प्रकार उमर फारूक़ रज़ियल्लाहु अन्हु हज़रत हुज़ैफा रज़ियल्लाहु अन्हु से पूछा करते थे कि क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उन्हें भी मुनाफिक़ीन (कपटाचारियों) की श्रेणी में गिनाया है?
इतिहास में एक नाम दाऊद अत्ताई का भी आता है जो अकेले रहने लगे थे, लोगों ने जब पूछा कि आप लोगों के साथ घुलमिल कर क्यों नहीं रहते? आपने फ़रमायाः
وماذا أضع بأقوام یُخفون عنی عیوبی؟
ऐसे लोगों के साथ उठने बैठने से क्या फायदा जो हमारे दोष हम से छुपाते हैं।
तीसरा तरीक़ाः
अपने दुश्मनों और जलने वालों की बातों पर निगाह रखें:
आम तौर पर आपके दुश्मन आपके कमजोर पहलू को ज़ाहिर करना चाहेंगे। इस लिए उनके उछाले हुए कमजोर बिंदु को अपने लिए नसीहत समझें और अपने अंदर से उसे दूर कर लें। क्योंकि दूरदर्शी वही है जो अपने जलने वालों की ईर्ष्या से लाभ उठाता है और मुंह पर झूठी तारीफ करने वालों से भी सावधान रहता है।