अल्लाह के नाम से आरम्भ करते हैं:
कुवैत के एक प्रसिद्ध विद्वान शैख़ सालिम अत्तवील की पुस्तक “छोटों के लिए कुछ प्रश्न जिनसे बड़े बेनियाज़ नहीं हो सकते” का अनुवाद आपकी सेवा में प्रस्तुत हैः
इस्लाम से सम्बन्धिक कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्नः तेरा रब कौन है ?
उत्तरः मेरा रब अल्लाह है।
प्रश्नः अल्लाह कहां है ?
उत्तरः अल्लाह आकाश पर है।
प्रश्नः बन्दों पर अल्लाह का अधिकार क्या है ?
उत्तरः बन्दों पर अल्लाह का अधिकार यह है कि मात्र वे उसी की इबादत (उपासना) करें और उसके साथ किसी अन्य को भागीदार न ठहरायें।
प्रश्नः इस हदीस को पूर्ण करें: “जिसने कहा कि मैं अल्लाह को रब मान कर राज़ी हूं…?”
उत्तरः “जिसने कहा कि मैं अल्लाह को रब मान कर राज़ी हूं और इस्लाम को दीन मान कर तथा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को रसूल मान कर राज़ी हूं तो उसके लिए जन्नत अनिवार्य हो गई।” (सुनन अबी दाऊद 1529, हदीस के रावीः हज़रत अबू सईद ख़ुदरी रज़ियल्लाहु अन्हु )
प्रश्नः अल्लाह ने हमें क्यों पैदा किया और उसका प्रमाण क्या है ?
उत्तरः अल्लाह ने हमें मात्र अपनी इबादत के लिए पैदा किया। अल्लाह तआला ने फरमायाः
( وما خلقت الجن والإنس إلا ليعبدون ) سورة الذاريات الآية ( 56 )
“मैंने जिन्नात और इनसानों को मात्र इस लिए पैदा किया है कि वे मेरी इबादत (उपासना) करें।” (सूरः अल-ज़ारियात 56)
प्रश्नः हम पर सब से बड़ा वाजिब (महान अनिवार्य काम) क्या है ?
उत्तरः तौहीद अर्थात् अल्लाह तआला को उसके अधिकारों में एक जानना।
प्रश्नः तौहीद कितने प्रकार की होती है बयान करें ?
उत्तरः तौहीदुर्रुबूबियः तौहीदुल उलूहिय्यः तथा तौहीदे अस्मा व सिफात।
प्रश्नः कल्मा तौहीद क्या है और उसका अर्थ क्या होता है ?
उत्तरः कलिम-ए-तौहीद ला इलाह इल्लल्लाह है। जिसका अर्थ होता है अल्लाह के अतिरिक्त कोई सही इबादत के योग्य नहीं।
प्रश्नः इस हदीस को पूर्ण करें अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जो कोई सच्चे दिल से इस बात की गवाही देता है कि अल्लाह के अतिरिक्त कोई सत्य इबादत के योग्य नहीं और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं…?
उत्तरः जो कोई सच्चे दिल से इस बात की गवाही देता है कि अल्लाह के अतिरिक्त कोई सत्य इबादत के योग्य नहीं और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं उस पर अल्लाह जहन्नम को हराम ठहरा देता है। ( बुख़ारी 128 , मुस्लिम 32 हदीस के रावी हज़रत अनस बिन मालिक हैं)
प्रश्नः सब से बड़ा पाप क्या है ?
उत्तरः अल्लाह के साथ शिर्क करना।
प्रश्नः शिर्क क्या है ?
उत्तरः अल्लाह के अतिरित्क किसी अन्य की इबादत करना अथवा अल्लाह के साथ किसी अन्य को भागीदार ठहराना।
प्रश्नः इस हदीस को पूर्ण करें अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिसने अल्लाह के अतिरिक्त किसी अन्य की क़सम खाई …?
उत्तरः जिसने अल्लाह के अतिरिक्त किसी अन्य की क़सम खाई उसने कुफ्र अथवा शिर्क किया। तिर्मिज़ी 1535, हदीस के रावीः हज़रत इब्ने उमर रज़ियल्लाहु अन्हुमा)
प्रश्नः क्या अल्लाह के अतिरिक्त कोई अन्य ग़ैब (परोक्ष की बातैं) जानता है ?
उत्तरः अल्लाह के अतिरिक्त धरती और आकाश का कोई ग़ैब नहीं जानता।
प्रश्नः कोई भी अमल कब अल्लाह के पास स्वीकार किय जाते हैं ?
उत्तरः जब उन्हें इख़लास (शुद्धता) के साथ अल्लाह के लिए किया जाए और वह नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के तरीक़े के अनुकूल हों।
प्रश्नः तेरे नबी कौन हैं ?
उत्तरः हमारे नबी मुहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं।
प्रश्नः मुहम्मद रसूलुल्लाह का अर्थ क्या होता है ?
उत्तरः अर्थात् अल्लाह ने उनको प्रत्येक लोगों के लिए शुभसूचना सुनाने वाला और डराने वाला बना कर भेजा है।
प्रश्नः हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, उनके बाप और उनके दादा का नाम क्या है ?
उत्तरः मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब
प्रश्नः सारे लोगों में सब से अधिक प्रेम रखना किस से अनिवार्य और ज़रूरी है ?
उत्तरः अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से।
प्रश्नः अल्लाह के रसूल कब और किसी शहर में पैदा हुए ?
उत्तरः अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम “आमुल फील” ( हाथी वालों की घटना के साल) मक्का में पैदा हुए।
प्रश्नः जिस समय अल्लाह ने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को रसूल बनाया उस समय आपकी आयु कितनी थी ?
उत्तरः चालीस वर्ष
प्रश्नः अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हिजरत से पहले मक्का में कितने वर्ष तक रहे थे ?
उत्तरः 13 वर्ष
प्रश्नः अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हिजरत कहां की थी ?
उत्तरः मदीना
प्रश्नः हिजरत के बाद अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम कितने वर्ष ज़िंदा रहे ?
उत्तरः दस वर्ष
प्रश्नः उम्महातुल मुमिनीन ( मोमिनों की मायें) कौन हैं ?
उत्तरः यह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की बीवियां हैं।
प्रश्नः अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का देहांत कहां कब और कितने वर्ष की आयु में हुआ ?
उत्तरः मदीना में हिजरत के दस वर्ष बाद, उस समय आपकी आयु 63 वर्ष की थी।
प्रश्नः इस हदीस को पूर्ण करें:अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिसने मुझ पर एक बार दरूद भेजा…?
उत्तरः “जिसने मुझ पर एक बार दरूद भेजा अल्लाह उस पर दस बार सलामती भेजता है।” ( मुस्लिम 408, हदीस के रावीः अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु)