जन्नत क्या है ?

जन्नत - स्वर्ग

जन्नत हर इंसान की कोशिशों का सारांश है, यह वह कीमती मोती है जिसे प्राप्त करने के लिए मोमिनों ने हर युग में तन मन धन लगाया है, यह वह शौक है जो हमेशा अल्लाह वालों के दिलों में मचलता  रहा है, यह वह उपकार है जिसकी खातिर इस्लाम के सुरमाओं ने अपनी जान की बाजी लगा दी।

जन्नत उन पवित्र आत्माओं के लिए है जिन्होंने अपना जीवन इबादत में बिताया, जिन्हों ने अपना समय अल्लाह के डर में व्यतीत किया, जिन्हों ने अच्छाई का आदेश दिया और बुराई से रोका, रोज़े रखे, रातों में जग कर इबादतें कीं और बन्दों के अधिकारों का ख्याल रखा।

प्रिय पाठक! जब महशर में मोमेनीन सादिकीन को उनका कर्म-पत्र (नाम-ए-आमाल) उनके दाहिने हाथ में मिलेगा तो खुशियों से फूले न समाएँगे, उनका दिल बाग बाग हो जाएगा और हिर्ष व उल्लास से हताशा होकर अपने कार्य पत्र दूसरों को दिखाते फिरेंगे:

هَاؤُمُ اقْرَءُوا كِتَابِيَهْ ﴿١٩﴾ إِنِّي ظَنَنتُ أَنِّي مُلَاقٍ حِسَابِيَهْ – الحاقہ: 19-20

”  “लो पढ़ो, मेरा कर्म-पत्र!  “मैं तो समझता ही था कि मुझे अपना हिसाब मिलने वाला है।” (सूर:अल-हाक़्कह 19-20)

उसके बाद जन्नत वाले समूह के रूप में जन्नत की ओर ले जाए जाएँगे, सबकी निगाहें अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर टिकी हुई होंगी कि कब आप सिफारिश फरमायें कि हिसाब व किताब आरम्भ हो।

आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सब से पहले जन्नत के दरवाजे पर आएंगे और दरवाजे को खटखटाएंगे। जैसा कि सही मुस्लिम में हज़रत अनस रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: क़्यामत के दिन में जन्नत के द्वार पर आकर खोलने को कहूंगा तो जन्नत का दरबान पूछेगा: आप कौन साहब हैं?  मैं कहूंगा: मुहम्मद हूँ,  जन्नत का दरबान कहेगा:

 بك أُمرتُ لا أفتحَ لأحدٍ قبلَك – صحيح مسلم 197

“मुझे भी यही हुक्म है कि सबसे पहले जन्नत का दरवाजा आप के लिए खोलूँ”। (सही मुस्लिम 197)

प्रिय दोस्तो! जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हाथों स्वर्ग का उद्घाटन हो जाएगा तो स्वर्ग का पहला समूह जन्नत में प्रवेश करेगा, यह गिरोह चौदहवीं के चाँद की तरह चमक रहा होगा, वह जन्नत के दरवाजे पर आएंगे जिसके आठ दरवाजे होंगे,  हर दरवाजे की चौड़ाई चालीस साल की दूरी के बराबर होगी, उसके दरवाजे पहले ही खोले जा चुके होंगे,  नमाज़ पढ़ने वालों को बाबुस्सलात से दावत मिलेगी, रोज़ा रखने वालों को बाबुर्रय्यान से बुलाया जाएगा, मुजाहिदीन को बाबुल जिहाद से पुकार आएगी, और दान करने वालों को बाबुस्सतक़ा से बुलाया जाएगा, कुछ लोगों को दो-दो दरवाजे से बुलाया जाएगा,  कुछ लोगों को तीन तीन दरवाजे से दावत मिलेगी और कुछ लोग सारे दरवाजे से बुलाय जाएंगे। जन्नत  के दरबान दरवाजे पर खड़े इन शब्दों में उनका स्वागत कर रहे होंगे:

سَلَامٌ عَلَيْكُمْ طِبْتُمْ فَادْخُلُوهَا خَالِدِينَ – سورہ الزمر 73 

”  “सलाम हो तुम पर! बहुत अच्छे रहे! अतः इसमें प्रवेश करो सदैव रहने के लिए” (सूरः ज़मरः 73)

अल्लाहु अकबर! कैसे भाग्यशाली होंगे वे लोग जिन्हें जन्नत में प्रवेश होने सौभाग्य प्राप्त होगा, जी हाँ! उनके चेहरे हर्ष व उल्लास से चमक रहे होंगे, अल्लाह तआला ने फरमाया:

تَعْرِفُ فِي وُجُوهِهِمْ نَضْرَةَ النَّعِيمِ  – سورہ المطففین 24

“उनके चेहरे पर तुम समृद्धि की रौनक महसूस करोगे।”  (सूरःअल-मुतफ्फ़ेफीनः 24)

और ऐसा क्यों न हो कि वहाँ की नेमतें बेमिसाल और वहाँ के पुरस्कार मानव कल्पना से बाहर होंगी. सही बुखारी और मुस्लिम में हज़रत अबु हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया:

قال اللهُ عزَّ وجلَّ : أعدَدتُ لعباديَ الصَّالحينَ ما لا عينٌ رأت ، ولا أذنٌ سمعت ، ولا خطر علَى قلبِ بشرٍ . مِصداقُ ذلك في كتابِاللهِ : فَلَا تَعْلَمُ نَفْسٌ مَا أُخْفِيَ لَهُمْ مِنْ قُرَّةِ أَعْيُنٍ جَزَاءً بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ .  صحيح البخاري 4779  صحيح مسلم 2824 

“अल्लाह तआला का फरमान है मैं अपने नेक बंदों के लिए ऐसी आसाइशें और प्रसन्नता की चीज़ें तैयार कर रखी हैं जिन्हें न किसी आँख ने कभी देखा, न किसी कान ने सुना और न किसी मनुष्य के मन में यह विचार तक आया, अगर चाहो तो यह आयत पढ़ लो:

فَلَا تَعْلَمُ نَفْسٌ مَّا أُخْفِيَ لَهُم مِّن قُرَّةِ أَعْيُنٍ جَزَاءً بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ – سورہ سجدہ 17 

” फिर कोई प्राणी नहीं जानता आँखों की जो ठंडक उसके लिए छिपा रखी गई है उसके बदले में देने के ध्येय से जो वे करते रहे होंगे “।  (सही बुख़ारी 4779 सही मुस्लिम 2824)

प्रिय पाठक! अब आइए हम आप के साथ जन्नत के बाग़ीचे की सैर करते हैं, जन्नत में सुंदर भवन होंगे  जिसकी एक ईंट सोने की होगी तो दूसरी ईंट चांदी की, और दोनों ईंटों को जोड़ने का मसाला कस्तूरी का होगा,  उसकी कंकरियां हीरे और मोती की होंगी, उसकी मिट्टी ज़ाफरान होगा, और उसके खीमे हीरे जवाहरात काट काट कर कर बनाए गए होंगे, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फ़रमाते हैं:

إنَّ للمؤمنِ في الجنةِ لخيمةٌ من لؤلؤةٍ واحدةٍ ، مجوَّفةٍ طولُها ستون ميلًا ، للمؤمن فيها أهلُون ، يطوف عليهم المؤمنُ فلا يرى بعضُهم بعضًا- صحيح البخاري 4879 صحيح مسلم 2838 

“मोमिनों के लिए जन्नत में एक ख़ीमा ऐसा होगा जो हीरों को अंदर से खुरच कर बनाया गया होगा, उसकी लंबाई साठ मील होगी, इस खीमे में मोमिन की कई एक पत्नियां होंगी,  वह हर एक के पास जाएगा लेकिन आपस में एक दूसरे को कोई न देख सकेगा “।

जन्नत में अच्छे अच्छे बाग़ होंगे जिनके नीचे नहरें बहती होंगी, इन बागों में जन्नतियों के लिए पवित्र ठहरने के स्थान होंगे, वहाँ के पेड़ ऐसे होंगे जिसकी शक्ल को प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बयान करते हुए कहा:

ما في الجنَّةِ شجرةٌ إلَّا وساقُها مِن ذَهبٍ – صحيح الترمذي  2525 

“जन्नत के हर पेड़ का तना सोने का है”।   (सहीहुत्तिर्मिज़ीः 2525)

और हर पेड़ की चौड़ाई ऐसी कि तेज गति का घोड़ सवार भी सौ साल तक उसकी छाँव को पार नहीं कर सकता, जन्नत में चार तरह की नहरें भी बह रही होंगी,  मीठे पानी की नहरें अलग, शुद्ध दूध की नहरें अलग, शुद्ध शहद की नहरें अलग और शराब की नहरें अलग, शराब भी ऐसी कि जिसमें नशे का नाम व निशान नहीं. अल्लाह तआला ने फरमाया:

یطُوفُ عَلَيْهِمْ وِلْدَانٌ مُّخَلَّدُونَ ﴿١٧ بِأَكْوَابٍ وَأَبَارِيقَ وَكَأْسٍ مِّن مَّعِينٍ ﴿١٨ لَّا يُصَدَّعُونَ عَنْهَا وَلَا يُنزِفُونَ ﴿١٩ وَفَاكِهَةٍ مِّمَّا يَتَخَيَّرُونَ ﴿٢٠ وَلَحْمِ طَيْرٍ مِّمَّا يَشْتَهُونَ – سورہ الواقعہ 17-21 

” उनके पास किशोर होंगे जो सदैव किशोरावस्था ही में रहेंगे, प्याले और आफ़ताबे (जग) और विशुद्ध पेय से भरा हुआ पात्र लिए फिर रहे होंगे- जिस (के पीने) से न तो उन्हें सिर दर्द होगा और न उनकी बुद्धि में विकार आएगा और स्वादिष्ट॥ फल जो वे पसन्द करें; तथा पक्षी का मांस जो वे चाहें “। (सूरः अल-वाक़िअः 17-21)

जन्नतियों को न पेशाब की जरूरत होगी और न लेटरीन की आवश्यकता, न नाक से नज़ला बहेगा और न ही थूक आएगी,  उनके प्रयोग की कंघियां सोने की होंगी, कस्तूरी जैसा खुशबूदार पसीना होगा,  अति सुंदर तथा सुगंधित लकड़ी में अगरबत्ती का प्रबंधन होगा, चमकती हुई रोशनियाँ होंगी, बगोले उठाती हुई खुशबुएँ होंगी और मनोरंजन के लिए सुंदर आँखों वाली हमउम्र हूरें होंगी, उन हूरों की स्थिति बताते हुए अल्लाह पाक ने फरमाया:

وَحُورٌ عِينٌ﴿٢٢﴾ كَأَمْثَالِ اللُّؤْلُؤِ الْمَكْنُونِ – سورہ الواقعہ 22-23 

“और उनके लिए सुंदर आँखों वाली हूरें होंगी (22) ऐसी सुन्दर जैसे छिपाकर रखे हुए मोती”. (सूरः अल-वाक़िअः 22-23)

वह हूरें सफाई में याक़ूत और सफेदी में मोती या मूंग की तरह होंगी, वह ऐसी सुंदर होंगी कि कि उनके सौंदर्य की वजह से उनकी टांग का गूदा गोशत और हड्डी के पीछे से देखाई दे रहा होगा, सही बुखारी की एक रिवायत में अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः

ولو أنَّ امرأةً من أهلِ الجنَّةِ اطَّلعت إلى أهلِ الأرضِ لأضاءت ما بينهما ، ولملأته ريحًا ، ولنَصيفُها على رأسِها خيرٌ من الدُّنيا وما فيها – صحيح البخاري: 2796 

“जन्नतियों की पत्नियां इतनी सुंदर होंगी कि अगर उनमें से एक महिला धरती वालों की ओर झांक ले तो आसमान और ज़मीन के बीच का सारा हिस्सा चमक उठे तथा खुशबू से भर जाए, और उसके सिर का दुपट्टा इतना कीमती होगा कि वह दुनिया और उसमें जो कुछ है सब से उत्तम है “। (सही बुख़ारी: 2796)

जन्नत में एक व्यक्ति को सौ आदमी की शक्ति प्रदान की जाएगी (सुन्न तिर्मिज़ी: 2536 हसन सहीह), वहां अपनी हुरों से खूब आनंद लेंगे, और यह हूरें अपने पतियों को अत्यधिक सुंदर और सुरीली आवाज़ गाना सुनाएंगी, गाने के बोल यूं होंगे:

نحن الخيِّراتُ الحِسانُ أزواجُ قومٍ كرامٍ ينظُرن بقُرَّةِ أعيانٍ

“हम हैं सुंदर और खूब सीरत पत्नियां, निको कारों की पत्नियां, देखकर आँखें ठंडी कर रही हैं”।

और दूसरे गाने के बोल हैं:

نحن الخالداتُ فلا يَمُتْنَه*نحن الآمِناتُ فلا يخَفْنَه*نحن المقيماتُ فلا يَظَعْنَه – صحيح الجامع : 1561 

“हम सदाबहार हैं मौत नहीं आ सकती, हम सरापा आराम हैं खतरे की कोई बात नहीं, हम स्थायी साथ निभाएंगे जाना नहीं है”।

इसलिए ऐ वह लोगो! जो दुनिया की लज़्जतों में फंसे हुए हो, ऐ वह लोगो! जो महिलाओं से अवैध तरीके से आनंद ले रहे हो, घरों में, टेलीविज़न पर अश्लील प्रोग्राम देखते रहते हो, मेरी आपसे अनुरोध है कि जन्नत की हूरों को याद करो, जन्नत की नेमतें और उसकी खुशियां याद करो।

तात्पर्य यह कि जन्नती जन्नत की सदाबहार नेमतों से खूब आनंद ले रहे होंगे और इधर फरिश्ते हर हर दरवाजे से उनके पास आकर मुबारकबाद पेश करते होंगे, अल्लाह तआला ने फरमाया:

سَلَامٌ عَلَيْكُم بِمَا صَبَرْتُمْ ۚ فَنِعْمَ عُقْبَى الدَّارِ- سورہ الرعد: 24   

” (वे कहेंगे) “तुम पर सलाम है उसके बदले में जो तुमने धैर्य से काम लिया।” अतः क्या ही अच्छा परिणाम है आख़िरत के घर का!  “। (सूरः अल-राद: 24)

फिर जन्नत में एक पुकारने वाला जोर से पुकार लगाएगा:

إنَّ لكم أن تَصِحُّوا فلا تسقَموا أبدًا ، و إنَّ لكم أن تحيوا فلا تموتوا أبدًا ، و إنَّ لكم أن تشِبُّوا فلا تهرَموا أبدًا ، و أنَّ لكم أن تنعَموا فلا تبْأسوا أبدًا- صحيح مسلم : 2837 

“हे जन्नत के वासियो, तुम्हारे लिए खुशखबरी है कि तुम हमेशा स्वस्थ रहोगे कभी बीमार न होगे, तुम जीवित होगे कभी मौत न आएगी, तुम जवान रहोगे कभी बूढ़े नहीं होगे, हमेशा नेमतों में रहोगे वंचित न होगे।” (सही मुस्लिम: 2837)

फिर जन्नत में जन्नतियों के लिए एक महान पुरस्कार का प्रदर्शन होगा जी हाँ! वह महान पुरस्कार है अल्लाह तआला का दीदार अर्थात् अल्लाह तआला को देखने का सौभाग्य, अल्लाह जन्नतियों से पुछेगा: अधिक किसी चीज़ की आवश्यकता है ?  जन्नती कहेंगे:

ألم تبيضْ وجوهنا ؟ ألم تدخلنا الجنةَ وتنجنا من النار – صحيح مسلم: 181 

“आख़िर हम किस चीज की मांग करें ? अनगिनत खुशी से हम आनंद हो रहे हैं, क्या आपने हमारे चेहरे मुनव्वर नहीं किया ? क्या आप हमें नरक से मुक्ति नहीं दी ? हमें किसी चीज की जरूरत नहीं “।

तब अल्लाह तआला अपने पर्दा को हटा देंगे, सारे जन्नती अल्लाह का दर्शन करेंगे, तब उन्हें पता चलेगा कि अल्लाह के दर्शन से बेहतर कुछ नहीं मिल सका।

यह है जन्नत और उसकी प्रसन्नता जिसमें प्रवेश करना हमारा मूल विचार होना चाहिए,  इसलिए लापरवाही कब तक और सुस्ती क्यों कर ? हराम लज़्ज़तों से तौबा करें, गुमराही के सारे दरवाजे बंद कर दें, ईबादत को अपने गले का हार बनाएँ, और ब्रह्मांड के निर्माता के आदेश के अनुसरण में लग जाएं।

अल्लाह हमें जन्नतुल फिर्दौस में जगह प्रदान करे। आमीन

 

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