जहन्नम (नरक) से डरना चाहिये

4 (1)अल्लाह तआला ने दुनिया की रचना की और दुनिया में लोगों को बसाया और बसाने के बाद समय समय में अपने दूतों को दुनिया में भेजते रहे जो लोगों को भलाई और पुण्य के कार्य करने पर जन्नत की शुभ सूचना देते थे और बुराई, अशुद्घ व्यवहार और दुष्कर्म एवं अल्लाह की अवज्ञा करने पर जहन्नम की चेतावनी देते थे। उन नबियों में सब से अन्तिम नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)  के प्रति बता दिया कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को सारे दुनिया वालों के लिए भेजा गया है ताकि नेक कर्मों पर आप लोगों को शुभ खबर दे और बुरे कार्य से चेतावनी दें। जैसा कि अल्लाह का फरमान है।

” تبارك الذي نزل الفرقان على عبده ليكون للعالمين نذيرا ” -الفرقان: 1

बहुत ही बरकत वाला है वह जिस ने यह फ़ुरक़ान (क़ुरआन) अपने बन्दों पर अवतरित किया ताकि सारे जहां वालों के लिए सावधान कर देनेवाला हो। (सूरः फ़ुरक़ानः 1)

यह दुनिया अमलस्थल है और आख़िरत बदले का घर है। यह दुनिया की जीवन ख़त्म होने वाली है और आख़िरत की जीवन सदैव है।

इस कारण हम इस संसारिक जीवन में इस क़दर व्यस्त न हों कि आख़िरत के सदैव जीवन को भूल जाए, क्योंकि हम सब को यह दुनिया छोड़ कर जाना है। जिस ने इस दुनिया में अच्छे कर्म किया और बुराई से अपने आप को सुरक्षित रखा तो वही व्यक्ति सफल होगा। जैसा कि अल्लाह का फ़रमान है।

” كل نفس ذائقة الموت و إنما توفون أجوركم يوم القيامة فمن زحزح عن النار وأدخل الجنة فقد فاز، وما الحياة الدنيا الا متاع الغرور”- سورة آل عمران: 185

प्रत्येक जीव मृत्यु का मज़ा चखनेवाला है और तुम्हें तो क़ियामत के दिन पूरा-पूरा बदला दे दिया जाएगा। अतः जिसे आग (जहन्नम) से हटाकर जन्नत में दाख़िल कर दिया गया, वह सफल रहा। रहा सांसारिक जीवन, तो वह माया-सामग्री के सिवा कुछ भी नहीं (सूरहः आले इमरानः 185)

अल्लाह तआला ने प्रत्येक मानव के लिए दो घर तैयार किया है और उसके कर्म के अनुसार उसे उचित घर में दाख़िल करेगा। जैसा कि हदीस में विवरण हुआ है।

अब्दुल्लाह बिन उमर(रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से वर्णित है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः जब तुम में से कोई देहांत पाता है तो सुबह शाम उस पर उस का घर पेश किया जाता है। यदि वह जन्नत वासियों में से है तो जन्नत उस के ऊपर पेश किया जाता है और यदि वह जहन्नम वासियों में से है तो उस पर जहन्नम पेश किया जाता है। फिर कहा जाता है, यह तुम्हारा ठेकाना है जिस पर तुम क़ियामत के दिन उठाए जाओगे।  (सही मुस्लिमः  )

इस लिए अल्लाह तआला ने इस जहन्नम से दूर रहने और अपने परिवार वालों को जहन्नम से सुरक्षित रखने पर उत्साहित किया है।

يا أيها الذين آمنوا قوا أنفسكم وأهليكم نارا وقردها الناس و الحجارة عليها ملائكة غلاظ شداد لايعصون الله ما أمرهم ويفعلون ما يؤمرون” – سورة التحريم: 6

अर्थः ऐ ईमान लानेवालो! अपने आपको और अपने घरवालों को उस आग से बचाओ जिसका ईधन मनुष्य और पत्थर होंगे, जिसपर कठोर स्वभाव के ऐसे बलशाली फ़रिश्ते नियुक्त होंगे जो उस में वह अल्लाह की आदेशों की अवज्ञा नहीं करेंगे और वे वही करेंगे जिसका उन्हें आदेश दिया जाएगा।  (66-सूरह तहरीमः6)

रसूल(सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने दावत की शुरूआत से ले कर जीवन के अन्तिम सांसों तक लोगों को इस नरक (जहन्नम) से बचाते रहे, उन्हें जन्नत की ओर बुलाते रहे, चूंनांचे सर्व प्रथम अपने परिवार और संबन्धियों को जहन्नम से डराया। जैसा कि अबू हुरैरा(रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि जब यह आयत नाज़िल हुईः  और अपने निकटतम नातेदारों को सचेत करो।  (सूरहः अश्शुअराः 214)

तो रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने क़ुरैश को एक स्थान पर एकात्र किया। तो सब लोग एकात्र हुए। तो रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने सार्वजनिक और विशेष ढ़ंग से सम्बोधित किया। तो फरमायाः ऐ बनू कअब बिन लूवय! अपने आप को जहन्नम(नरक) से सुरक्षित कर लो, ऐ बनू मुर्रा बिन कअब! अपने आप को जहन्नम(नरक) से सुरक्षित कर लो,  ऐ बनू अब्दे शम्स! अपने आप को जहन्नम(नरक) से सुरक्षित कर लो, ऐ बनू अब्द् मनाफ! अपने आप को जहन्नम(नरक) से सुरक्षित कर लो, ऐ बनू हाशिम! अपने आप को जहन्नम(नरक) से सुरक्षित कर लो, ऐ बनू अब्दुल्मुत्तिलब! अपने आप को जहन्नम(नरक) से सुरक्षित कर लो, ऐ फ़ातिमा! तू अपने आप को जहन्नम से सुरक्षित कर लो, बेशक मैं अल्लाह के सामने कुछ भी शक्ति नहीं रखता,बस, मैं दुनिया में सम्बन्धि होने के कारण अपने ह़क्क़ को अदा करता रहूंगा। (सही मुस्लिमः 204)

इसी तरह नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) सब लोगों को जहन्नम से सुरक्षित रखने के लिए बहुत ज़्यादा प्रयास करते थे. बहुत ज़्यादा मेहनत करते थे और इस कोशिश को रसूल ने एक उदाहरण के माध्यम से समझाया है।

रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)  ने फरमायाः मेरी मिसाल एक ऐसे व्यक्ति की तरह है जो आग जलाया तो उसके आस पास प्रकाश छा गई, तो  पतिंगे उस आग में गिरने लगे और वह व्यक्ति उन पतिंगों को आग से दूर रखने का प्रयास करने लगा परन्तु वे पतिंगे उस पर छा कर उस में गिरने लगे फिर आप ने फरमायाः तो मेरी मिसाल और तुम्हारी मिसाल इसी प्रकार है। मैं तुम को जहन्नम से दूर रखने की अन्थक कोशिश करता हूँ परन्तु तुम लोग मुझ पर गालिब आ कर उस में दाखिल हो रहे हो। (सही मुस्लिमः 2284)

रसूल(सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने क्या ही उत्तम उदाहरण दी है कि लोग इस जहन्नम में छलांग लगा रहें हैं, क्योंकि अल्लाह तआला ने जहन्नम को अति उत्साहित वस्तुओं से सुसज्जित कर दिया है। जिस कारण लोग उसमें गिरते जा रहे हैं। दुनियावालों को लोभाने वाली चीज़ों से जहन्नम को सजा दिया गया है।

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